他心疼小师傅。
作者有话要说:
作者开学了,忙毕业设计还要去兼职带艺考,
每天晚上黑灯瞎火被窝里码字戳到手疼。
可想想还有小天使们,我就jio自己还能接着日!爱你们(∩ᵒ̴̶̷̤⌔ᵒ̴̶̷̤∩)
第46章花莽
陆有瑜回去跟陆果回合后,把情况大概讲了讲。
可是他们三人左等右等秦墨却始终没有过来。
凌霄在陆有瑜身后微声嗡鸣,上面散发出来的气息,传入他的鼻腔,是自己再熟悉不过的了。
漂亮的剑身虚浮在半空中,陆有瑜瞅着直发愁。
“迷路了?”
“……不能啊,这地儿小徒弟不是在这儿修炼过吗?”
回答陆有瑜的,是凌霄剑的沉默与沈玉琳的白眼。
“要我说呀,瑜儿咱别等了,直接过去看看怎么回事不得了,而且不就一个小小的魔修,还有一个还是个普通人。有秦墨跟我在,怕他作甚?”沈玉琳娇俏的面容上显露出了不耐烦。
陆有瑜抱着胳膊算了算时间,这么长时间,都够妇人家把孩儿生出来了。
“行!”陆有瑜点点头,咬牙看了看凌霄决断道。
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557